मंगलवार, 6 अक्तूबर 2015

हनुमान जी और सेक्स एजुकेशन

भारतीय संस्कृति के रक्षकों द्वारा इस देश में देवी देवताओं के चित्रों को लगाकर कोई भी कार्य किया जाए वह कार्य अति उत्तम श्रेणी का होता है. आसाराम कारागार में बंद हैं उनकी छवि सुधारने के लिए तमाम सारे महापुरुषों व हनुमान जी की तस्वीर लगाकर किताबें बांटी गयी हैं और उसी आधार पर परीक्षा भी ली गयी है इस प्रकरण पर कभी भी साध्वी ऋतंभरा, उमा भारती, प्राची सहित तमाम सारी बडबोलेपन की शिकार समाज में वैन्य्मस्य फैलाने वाली यह नेत्रियाँ इस सम्बन्ध में कोई बात नहीं करेंगी .
     ज्ञातव्य है कि दिव्य प्रेरणा प्रकाश ज्ञान परीक्षा के लिए आसाराम समर्थकों ने स्कूलों में बच्चों को किताबें बांटी है यह किताबें शर्मशार करने वाली है. इन किताबों में यौन शिक्षा के नाम पर आपत्तिजनक और अश्लील बातें लिखी है. 
दसवीं और बारहवीं के बच्चे यह किताबें पढ़ रहे है. दिव्य प्रेरणा प्रकाश नाम की इस किताब के कवर पर बजरंग बली तथा अन्य महापुरुषों की तस्वीरें छपी हैं. और अंदर याैवन शक्ति बढ़ाने और सुरक्षित यौन संबंध के टिप्स दिए गए हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार दुष्कर्म मामले के आरोपी और जेल में बंद आसाराम की छवि को सुधारने के लिए  यह सब कर रही है 
महासमुंदऔर आसपास के कई स्कूलों में बापूजी के समर्थकों ने परीक्षा भी ले ली. योग वेदांत सेवा समिति के सदस्यों ने दावा किया कि स्कूलों में उन्हें संस्था प्रमुखों ने बेहद सरलता के साथ परीक्षा लेने दी है. परीक्षा के लिए बच्चों से शुल्क भी लिया गया. शिक्षकों ने ही इसकी वसूली की. जानकारी मिली है कि महासमुंद के पांच स्कूलों में शुक्रवार को यह परीक्षा एक साथ ली गई. 
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उसके अनुषांगिक संगठन उसी बात पर बोलते हैं और प्रचार करते हैं जिससे धार्मिक विवाद पैदा हो और बहुसंख्यक आबादी में दुष्प्रचार कर घृणा के वातावरण का लाभ लेकर अपने राजनीतिक मुखौटे भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुँचाना है.
        गिरिराज सिंह से लेकर साक्षी की जबान को ताला लग जाता है अब वह इस प्रकरण पर चुप्पी साधे रहेंगे. आसाराम उनकी राजनीति का प्रतीक चिन्ह हैं, प्रधानमन्त्री मोदी, राजनाथ से लेकर संघ प्रमुख मोहन भगवत के आसाराम दुलारे रहे हैं. आसाराम किस प्रकार जेल से बहार आये उसके लिए समय-समय पर नागपुरी मुख्यालय के निर्देशों पर तरह-तरह के कार्य हो रहे हैं. उनके ऊपर चल रहे मुकदमों में गवाहों की हत्याएं तेजी से की जा रही हैं और जब अदालतों को गवाह नहीं मिलेंगे तो साक्ष्य के अभाव में आसाराम बरी हो सकते हैं. 

सुमन 

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