शुक्रवार, 24 जून 2016

पुलिस महानिदेशक फेल

बाराबंकी जनपद में एबीपी न्यूज़ के जिला संवाददाता सतीश कश्यप की पिटाई कोतवाली नगर में पुलिस वालों ने कर दी. पत्रकार सतीश कश्यप ने कथित अपराधी की लिखित शिकायत जिला प्रशासन से की थी जिसपर कोतवाली पुलिस ने उन्हें बुलाकर पिटाई कर दी. विभिन्न पत्रकार संगठनो के लोग कोतवाली गए, जिला प्रशासन के अधिकारीयों से मिलकर प्रत्यावेदन दिए. जिला पंचायत बाराबंकी के सभागार में एक विशाल एकता बैठक भी की. जिला प्रशासन से फिर मिले. जिला प्रशासन कोई कार्यवाई नहीं करना चाहता है. यह रहस्य और राज है जिसकी परते खुलनी बाकी हैं. पत्रकार दुनिया को न्याय दिलाने का दम भरते हैं लेकिन खुद के मामले में बेदम नजर आ रहे हैं. पुलिस कह रही है कि जांच के बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखी जाएगी जबकि कानून कहता है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट तुरंत दर्ज करो फिर उसके बाद विवेचना करने का अधिकार पुलिस को होता है. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सैयद जावीद अहमद का दावा था कि प्रत्येक व्यक्ति की प्रथम सूचना रिपोर्ट अवश्य दर्ज की जाएगी.
                      एबीपी न्यूज़ के जिला संवाददाता सतीश कश्यप की पिटाई के मामले में पुलिस महानिदेशक फेल हैं और पत्रकारों को अखिलेश सरकार शायद यह सन्देश देना चाहती है कि हैसियत में रहो हमारे विज्ञापनों से तुम्हारा अखबार चलता है. अगर कोई दरोगा पुलिस हंसी-हंसी में पिटाई कर दे तो उसका बुरा मत मानो और आंसू पोंछ कर फिर समाचार संकलन शुरू कर दो. 
उत्तर प्रदेश की बिगडती हुई कानून व्यवस्था का मुख्य कारण प्रदेश के नौजवान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पुलिस व्यवस्था के ऊपर कोई नियंत्रण न होना. अगर उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार वापस नहीं आती है तो उसकी साड़ी जिम्मेदारी वर्तमान पुलिस तंत्र की है. कानून और न्याय का राज समाप्त हो गया है जिसकी चाहो प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखो जिसकी चाहो न लिखो. यह बात आये दिन दिखाई देती है किसी का उत्पीडन करना हो तो पुलिस को मिलाकर आप सब कुछ कर सकते हैं. 

सुमन 

1 टिप्पणी:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (26-06-2016) को "लो अच्छे दिन आ गए" (चर्चा अंक-2385) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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