हिन्दुवत्वराष्ट्रवाद की नयी परिभाषा में अपराधी की न्यायिक अभिरक्षा में मृत्यु होने पर तिरंगे में लपेटकर ताबूत को उसके गाँव ले जाना जहाँ एक ओर अपराधी को महिमा मंडित करके सीमा पर शहीद होने वाले जते हैं लेकिन विपक्ष के लोग अगर उसके ऊपर कोई बात कहते हैं तो वह गद्दार होने की श्रेणी में आएगा. वान की बराबरी करने का यह प्रयास कहीं से औचित्यपूर्ण नहीं है. इस तरह का
कृत्य अशोभनीय है और राष्ट्रध्वज के अपमान का मामला बनता है लेकिन
अंधभक्तों के दबाव के आगे उत्तर प्रदेश सरकार लाचार व बेबस है. अंधभक्तों
ने मोदी को राष्ट्र घोषित कर दिया है और राष्ट्र की कोई बुराई करेगा तो वह
गद्दार कहलायेगा. उसी तरह उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक
उपयोग अंधभक्त व संघी कर सक
वहीँ, उरी हमले के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक करके
कई आंतकियों को मार गिराने के लिए काफी तारीफ बटोर चुकी नरेंद्र मोदी
सरकार अब आलोचनाओं में घिरती नजर आ रही है। मोदी सरकार पर सर्जिकल स्ट्राइक
का प्रचार करके सियासी लाभ लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया जा रहा है।
पूर्व गृह मंत्री पी चिंदबरम और कांग्रेसी नेता संदीप दीक्षित ने सार्वजनिक
तौर पर कहा है कि भारत पहले भी ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक करता रहा है लेकिन
कूटनीतिक चिंताओं के चलते इसका “प्रचार” नहीं किया जाता था। सेना के कुछ
पूर्व अधिकारियों और कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी मोदी सरकार के सर्जिकल
स्ट्राइक के “प्रचार” पर सवाल उठाया है। भारतीय सेना के अनुसार 28-29
सितंबर की रात को उसके पैरा फोर्सेज के कमाडों ने इस सर्जिकल स्ट्राइक को
अंजाम दिया था। 17 सितंबर को हुई उरी हमले में 18 भारतीय जवान मारे गए थे।
दो घायल जवानों की अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर सर्जिकल स्ट्राइक का प्रचार व प्रसार किया जा रहा है और उसका राजनीतिक लाभ भी लेने की कोशिश भारतीय जनता पार्टी कर रही है. उसमें तरह-तरह के पोस्टर व होर्डिंग्स ज़ारी कर दिए हैं तो दूसरी तरफ न्यायिक हिरासत में मृत होने वाले रवि को तिरंगे में लपेट कर माहौल को ख़राब करके चुनावी लाभ लेने का प्रयास है.
सुमन
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