रविवार, 13 नवंबर 2016

किसान बर्बाद : मोदी का फेनाव जारी

नोट बंदी का असर दिखाई देने लगा है. सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव किसानो के ऊपर पड़ रहा है. गेंहू, आलू, सरसों की बुवाई का काम रुक गया है. किसानो के पास बीज व खाद खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं और जो रुपये हैं वह 500 और 1000 की नोटों में हैं. बैंक 4000 रुपये एक व्यक्ति के बदल रहा है. एटीएम में रुपया भरा ही नहीं जा रहा है. बैंक की शाखाओं में पर्याप्त मात्रा में रुपया मौजूद नहीं है. जिस कारण किसान को नगद करेंसी नहीं मिल पा रही है. दूसरी तरफ कोल्ड स्टोरेज में किसानों का आलू लगा हुआ है. ट्रक संचालित न होने के कारण आलू के दामों में बुरी तरह गिरावट आई है और कोई खरीददार नही है. केला खेत में लगा हुआ, परिवहन व्यवस्था संचालित न होने के कारण उसका भी कोई खरीददार नहीं है और किसान खून के घूँट पीकर मन-मसोस कर बैठा हुआ है. जब सरकार के पास करेंसी उपलब्ध नहीं है और बाजार में पर्याप्त मात्रा में करेंसी उपलब्ध कराने में दिसम्बर माह के अंत तक मामला जायेगा, तब-तक किसान, खेत-मजदूर की पूरी अर्थव्यवस्था नष्ट हो जाएगी. देश का 80 % किसान अपने-अपने क्षेत्रों में नगद रुपया उपलब्ध न होने के कारण अकर्मण्य की स्तिथि में हो गया है. काला धन कुछ मिले या न मिले लेकिन बहुसंख्यक किसान के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बच रहा है. इस बात को केंद्र सरकार समझ नही पा रही है. 
वहीँ, देश के सर्वे-सर्वा झूंठ पर झूंठ और फेनाव दिखा कर जनता को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आज गोवा में कहा कि देश के लिए मैंने घर-परिवार छोड़ा. मैं कुर्सी के लिए पैदा नहीं हुआ हूं. मोदी को जिंदा जला दोगे तो भी डरने वाला नहीं हूँ. यह बात पूर्णतया गलत है. संघ के लिए उन्होंने परिवार छोड़ा था और संघ के कार्यकर्त्ता जब बने तो पत्नी छोड़ी संघ के प्रचारक के लिए उस समय अविवाहित होना जरूरी था. विवाह की बात भी संघ से छिपाई गयी. झूंठ पर झूंठ बोलते रहना और कहना की  एटीएम 11 नवम्बर से काम करने लगेंगे जबकि वित्त मंत्री अरुण जेटली कह रहे हैं कि एटीएम 3 से 4 हफ्ते में सामान्य रूप से काम करेगा.
भाई प्रधानमंत्री जी आपको कौन जला देना चाहता है. इसका आपको खुलासा करना चाहिए और आप स्वयं सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं तो देश की जनता को आप क्या सुरक्षा देंगे. यह बातें मक्कारी पूर्ण हैं और प्रधानमंत्री पद की गरिमा के अनुरूप नहीं हैं. आपकी भाषा फेनाव वाली भाषा है जिसके ये उदाहरण हैं  'गोली मार देना' 'थप्पड़ मार देना' 'लात मार देना' 'फांसी चढ़ा देना' शब्द आपके मुहं से सुने जा रहे हैं । अब आप कह रहे हैं  कि 'जिन्दा जला दो'. यह किस स्कूल की भाषा है.
          जनता कितना परेशान है इसका अंदाजा आपको नहीं है दिल्ली में करेंसी बदलने के सवाल को लेकर एक नवयुवती नंगी हो गयी थी. शर्म आपको आनी नहीं है.  

सुमन 

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