उत्तर प्रदेश पुलिस में पद प्रोन्नति हेतु पुलिस विभाग सिपाहियों का टेस्ट चल रहा है जिसमें 10 किलोमीटर दौड़ आवश्यक है। कल सीतापुर जनपद में 10 किलोमीटर की दौड़ में दौड़ रहे सिपाही में तीन सिपाही बेहोश हो गए तुरंत मेडिकल ऐड देने के बाद भी दो सिपाहियों का जीवन बचाया नहीं जा सका। दरोगा भर्ती में आजमगढ़ सहित कई जिलों में कई सिपाहियों की मौत हो चुकी है जब सरकार के समक्ष इस समस्या को उठाया गया तो ए.डी.जी कानून व्यवस्था बृजलाल ने कहा की 10 किलोमीटर की दौड़ को काम नहीं किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में परेड, भाग दौड़ की कमी हो गयी है अधिकतर सिपाही व निरीक्षक अपनी कार्य क्षमता सी अधिक भाग दौड़ के कारण विभिन्न बिमारियों सी ग्रसित हो गए हैं। पुलिस विभाग में 24 घंटे लगातार भी ड्यूटी ली जाती है जिसका कोई कंपनसेशन नहीं दिया जाता है।
आज जरूरत इस बात की है कि पुलिस विभाग में रिक्त पदों पर अविलम्ब भर्ती की जाए। उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया जाए अधिकारियों व कर्मचारियों की भी नियमित परेड कराई जाए। लेकिन साधनों के अभाव में यह सब कार्य संभव नहीं हो पा रहे हैं जवानों को घटिया स्तर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जो चिंतनीय है। सिपाहियों द्वारा दौड़ में बेहोश होकर गिर जाना और उसके बाद मृत्यु होना विभाग के नैतिक बल की कमी पैदा करेगी और जवानो का मनोबल भी गिरेगा ।
उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में परेड, भाग दौड़ की कमी हो गयी है अधिकतर सिपाही व निरीक्षक अपनी कार्य क्षमता सी अधिक भाग दौड़ के कारण विभिन्न बिमारियों सी ग्रसित हो गए हैं। पुलिस विभाग में 24 घंटे लगातार भी ड्यूटी ली जाती है जिसका कोई कंपनसेशन नहीं दिया जाता है।
आज जरूरत इस बात की है कि पुलिस विभाग में रिक्त पदों पर अविलम्ब भर्ती की जाए। उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया जाए अधिकारियों व कर्मचारियों की भी नियमित परेड कराई जाए। लेकिन साधनों के अभाव में यह सब कार्य संभव नहीं हो पा रहे हैं जवानों को घटिया स्तर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जो चिंतनीय है। सिपाहियों द्वारा दौड़ में बेहोश होकर गिर जाना और उसके बाद मृत्यु होना विभाग के नैतिक बल की कमी पैदा करेगी और जवानो का मनोबल भी गिरेगा ।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
1 टिप्पणी:
ये तो वही हुई, रहा भी न जाए, सहा भी न जाए।
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कम्प्यूटर से तेज़...!
सुज्ञ कहे सुविचार के....
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