रजत शर्मा ने पूछा कि 26/11 की घटना के समय आप इनचार्ज होते तो क्या कर सकते थे ?
मोदी ने जवाब दिया : पहली बात है जो मैंने गुजरात में किया कर देते मुझे देर नहीं लगती मै आज भी कहता हूँ. पकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए, पकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए ये लव लैटर लिखना बंद करना चाहिए. ये प्रणव मुखर्जी रोज एक चिट्ठी भेज रहे हैं. वो सवाल भेज रहे हैं ये जवाब देते फिरते हैं. गुनाह वो करे जवाब भारत सरकार दे रही है.
रजत शर्मा कहते हैं कि लेकिन इंटरनेशनल प्रेशर भी तो होता है उसका भी ख्याल रखना पड़ेगा.
मोदी ने जवाब दिया : इंटरनेशनल प्रेशर पैदा करने की ताकत आज हिंदुस्तान में है सौ करोड़ का देश का है पूरी दुनिया में हम प्रेशर पैदा कर सकते हैं कोई हम पर प्रेशर कैसे पैदा कर सकता है. ये उलटी गंगा क्यों चल रही है हैरान हूँ जी. पाकिस्तान हम को मार के चला गया , पाकिस्तान ने हम पर हमला बोल दिया मुंबई में और हमारे मंत्री जी अमेरिका गए और रोने लगे "ओबामा-ओबामा ये हमको मार कर चला गया बचाओ बचाओ" ये कोई तरीका होता है क्या ? पडोसी मार के चला गया और अमेरिका जाते हो अरे पाकिस्तान जाओ न.
रजत शर्मा ने पूछा कि क्या तरीका होता है ?
मोदी ने जवाब दिया : पाकिस्तान जो भाषा में समझे समझाना चाहिए.
यह डायलाग किसी फिल्म के नहीं हैं. यह साक्षात्कार नवम्बर 2011 को इंडिया टीवी के रजत शर्मा को नरेन्द्र दामोदर मोदी ने दिया था. आज पठानकोट, गुरदासपुर और उसके बाद अब उरी की घटना इस इंटरव्यू की याद आते ही स्तिथि को बड़ी हास्यास्पद कर देती है. सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ की कटिंग की भरमार हो गयी है प्रतिष्ठित अखबारों में फेक न्यूज़ प्रकाशित करनी शुरू कर दी. उरी घटना के दुसरे दिन आतंकी मुठभेड़ में 10 मारे गए, पीओके में घुसकर सेना ने 20 आतंकी मारे जैसे समाचार आना शुरू हो गए. और अब यह लोग सिन्धु नदी के पानी को रोकने की बात शुरू कर रहे हैं.

सुमन
3 टिप्पणियां:
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल रविवार (25-09-2016) के चर्चा मंच "शिकारी और शिकार" (चर्चा अंक-2476) पर भी होगी!
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
एक बार जब उन्होंने कबूल कर लिया कि वे जुम्लेबाज है तो मामला अब कहाँ बनता है?
एक बार जब उन्होंने कबूल कर लिया कि वे जुम्लेबाज है तो मामला अब कहाँ बनता है?
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